TGT PGT workload, section for class in Haryana


PGT Workload : पीजीटी शिक्षकों के कार्य को आबंटित करने के लिए दिशानिर्देश जारी

हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग ने पीजीटी शिक्षकों के कार्य को आबंटित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं ।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि कक्षा के प्रत्येक सैक्शन मेें 40 विद्यार्थी होंगे। दूसरे सैक्शन में 50 छात्रों की स्वीकृति मिलेगी तथा तीसरा सैक्शन 90 छात्रों की क्षमता के उपरांत ही सृजित किया जाएगा। इसी प्रकार, चौथा सैक्शन 130 विद्यार्थियों की क्षमता के उपरांत ही बनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि स्कूल की कुल अवधि 6 घण्टे होगी, जिसमें प्रार्थना के लिए 20 मिनट और आधी छुट्टी के लिए 30 मिनट होंगे। स्कूल के केलेंडर के अनुसार प्रतिदिन आठ पीरियड लगेंगे। पहले चार पीरियड 45 मिनट के होंगे, जबकि अंतिम चार पीरियड 40 मिनट के होंगे। पीजीटी अध्यापकों को दिन में अधिकतम 6 पीरियड कवर करने होंगे और प्रत्येक सप्ताह 36 पीरियड होंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि 9वीं और 10वीं कक्षाओं के पीरियड में अंग्रेजी के पीरियड को पीजीटी अंगे्रजी पढ़ाएगा। यदि अमुक स्कूल में पीजीटी अंग्रेजी उपलब्ध नहीं है तो यह कार्य पीजीटी समाजशास्त्र को दिया जाएगा। गणित का पीरियड गणित का पीजीटी शिक्षक लेगा। यदि पीजीटी गणित का शिक्षक स्कूल में उपलब्ध नहीं है तो पीजीटी फिजिक्स इस कार्य को करेगा। साइंस के विषय को फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलोजी के अध्यापक पढ़ाएंगे। इसी प्रकार, हिंदी विषय को पीजीटी हिंदी पढाएगा, यदि स्कूल में पीजीटी अध्यापक उपलब्ध नहीं है तो इस कार्य को पीजीटी संस्कृत करेगा। उन्होंने बताया कि समाजशास्त्र को अर्थशास्त्र, भूगोल, राजनीतिक विज्ञान, इतिहास, मनोविज्ञान, सोशोलोजी का पीजीटी अध्यापक पढाएगा। इसी प्रकार, संस्कृत, पंजाबी, उर्दू, ड्राइंग, संगीत, गृह विज्ञान के विषयों को सम्बन्धित पीजीटी ही पढ़ाएंगे, जबकि शारीरिक शिक्षा में शारीरिक शिक्षा, डीपीई के अध्यापक पढ़ाएंगे, यदि पीजीटी शारीरिक शिक्षा उपलब्ध नहीं है तो यह कार्य डीपीई निभाएगा।
उन्होंने बताया कि 11वीं और 12वीं कक्षा के पीरियड के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आर्टस में अंग्रेजी के आठ, हिंदी के छ:, इतिहास के आठ, राजनीति विज्ञान के आठ, गणित, भूगोल के आठ, आईसीटी और कम्प्यूटर साइंस के छ:, एजुसैट, लाइबे्ररी, खेल, लाइफ स्किल, श्रमदान, योगा, टीपी तथा अन्य सीसीए के चार पीरियड होंगे। इसी प्रकार, कॉमर्स में अंग्रेजी के आठ, हिंदी के छ:, कॉमर्स, अकाउंटेंसी, इक्रोमिक्स, गणित के आठ, कम्प्यूटर साइंस के छ:, एजुसैट, लाइबे्ररी, खेल, लाइफ स्किल, श्रमदान, योगा, टीपी तथा अन्य सीसीए के चार पीरियड होंगे।
उन्होंने बताया कि मैडिकल विषय में अंग्रेजी और हिन्दी विषय के छ:, फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलोजी के 10, तथा कम्प्यूटर साइंस के चार, एजुसैट, लाइबे्ररी, खेल, लाइफ स्किल, श्रमदान, योगा, टीपी तथा अन्य सीसीए के चार पीरियड होंगे। इसी प्रकार, नॉन मैडिकल में अंग्रेजी और हिंदी के छ:, फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलोजी के 10, तथा कम्प्यूटर साइंस के चार, एजुसैट, लाइबे्ररी, खेल, लाइफ स्किल, श्रमदान, योगा, टीपी तथा अन्य सीसीए के चार पीरियड होंगे।
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PGT & TGT Workload 
Haryana eduction department letter Memo No. 4/33-2011 SE (4) dated 12-1-2016According to this letter minimum 25 periods and maximum 36 periods in a week can be given to a PGT/Lecturer. Minimum 30 periods and maximum 40 periods in a week can be given to a TGT.
If any PGT or TGT not miminum workload/period may be treated as surplus according to this letter.

इस पत्र के अनुसार PGT/Lecturer को कम से कम 25 और अधिक से अधिक 36 Period प्रति सप्ताह दिए जा सकते हैं I TGT को कम से कम 30 और अधिक से अधिक 40 Period प्रति सप्ताह दिए जा सकते हैं I अगर किसी PGT या TGT के पास कम से कम workload (Period) नही हैं तो उसे सरप्लस माना जायेगा और उसकी बदली ऐसी जगह की जाएगी जहाँ workload है l

TGT PGT workload periods Haryana

Pgt workload

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नौवीं-दसवीं के विद्यार्थियों को भी पढ़ाएंगे प्राध्यापक
TGT and 9th and 10th class

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: शिक्षा विभाग ने स्कूलों में शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए एक नये प्रयोग पर काम करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत प्राध्यापकों व शिक्षकों को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी जा रही है। विभाग ने आदेश दिये हैं कि अब प्राध्यापक नौवीं व दसवीं और मास्टर छठी व आठवीं को पढ़ाएंगे। इस बाद प्रदेशभर में इस बार दसवीं का प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम काफी खराब रहा है। खराब आने की वजह को लेकर शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट भी मांगी थी। जवाब में तकरीबन सभी स्कूल मुखियाओं ने खराब परिणाम आने का कारण स्कूलों में शिक्षकों की कमी बताया। इस समस्या को देखते हुए शिक्षा विभाग कार्यशैली में बदलाव करने जा रहा है। विभाग ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर आदेश दिये हैं कि अब सीनियर सेकेंडरी में लगे प्राध्यापक ग्यारहवीं व बारहवीं की कक्षाओं को पढ़ाने के अलावा नौवीं व दसवीं की कक्षाओं को भी पढाएंगे। इसके साथ ही हाई स्कूल के मास्टर अब नौवीं व दसवीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाने के साथ ही छठी से लेकर आठवीं तक की कक्षाओं को भी पढ़ाएंगे। अगर स्कूल में प्राध्यापक व मास्टर ज्यादा हैं तो उन्हें दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा।

पहले  अपनी कक्षा संभालेंगे प्राध्यापक

विभाग द्वारा जारी पत्र के अनुसार प्राध्यापक पहले अपनी कक्षाओं को प्राथमिकता देंगे। वे पहले ग्यारहवीं व बारहवीं की कक्षा लगाएंगे। इसके बाद ही दूसरी कक्षाओं में जाएंगे। इसी अनुसार मास्टर भी अपने कक्षा लगाने के बाद ही दूसरी कक्षाओं में जाएंगे। प्रत्येक प्राध्यापक को महीने में कम से कम 25 व ज्यादा से ज्यादा 36 पीरियड लगाने होंगे और मास्टर को कम से कम 30 व ज्यादा से ज्यादा 40 पीरियड लगाने होंगे।

जो विषय हैं, वहीं पढ़ाएंगे
अगर प्राध्यापक के पास ¨हदी विषय है तो वह अन्य कक्षा में भी ¨हदी ही पढ़ाएगा। किसी भी प्राध्यापक या मास्टर को कोई दूसरा विषय पढ़ाने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। यदि किसी विषय में विशेष रूचि व ज्ञान है तो अलग बात है। वह प्राध्यापक की इच्छा अनुसार तय हो जाएगा कि कौन क्या पढ़ाना चाहता है। यह सभी निर्णय स्कूल मुखियाओं की देखरेख में लिये जाएंगे।पत्र मिला चुका है: डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. यज्ञदत्त वर्मा ने बताया कि विभाग स्कूलों में शिक्षा स्तर को सुधारना चाहता है। विभाग की कोशिश यही है कि मानव संसाधनों को बेहतर तरीके से प्रयोग किया जाए। इसलिए प्राध्यापकों व मास्टरों को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है।


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PGT workload

RE: STATE POLICY FOR ALLOTING ADEQUATE WORK-LOAD OF
30 PERIODS PER WEEK TO SCHOOL LECTURERS.
Whereas the Department of Education has taken a series of steps
to ensure quality education in the Government Schools in the State of
Haryana. Whereas it has been brought to the notice of the Department
that in a number of Government Senior Secondary Schools, adequate
work-load is not available to be assigned to School Lecturers because of
which their services are not fully utilized.
With an objective of allotting adequate work-load to the School
Lecturers and also ensuring quality education in the schools, the State
Government has now decided to implement the following guidelines in
the interest of the students.
Guidelines
1) That the Principals shall ensure that all the School Lecturers working in their schools are allotted a minimum of 30 periods per week.
2) That the Principals are obliged and accordingly hereby authorized to make internal adjustments in the time-table and allocate junior classes (9th & 10th) to the Lecturers so that at least a minimum of
30 periods are allotted to them per week.
3) That the Lecturers may be allotted such subjects of 9th & 10th classes which they have themselves studied at their graduation and post graduation level and assigned specific topics therein as deemed necessary. For example, a Chemistry Lecturer can be assigned specific topics in the science stream of 9th & 10th classes and likewise, other specific subjects or topics can be assigned to these Lecturers depending upon the desirability in a particular school. However, Masters would continue to teach classes from 6th to 10th, if the work-load still remains available after giving additional work-load to Lecturers as mentioned in the policy.
4) That the Principals should frame the time-table in such a manner that at least one period of general knowledge is incorporated for each class from 6th onwards per week.
5) That the Lecturers and Masters may be asked to teach the relevant topics of their subject which form a part of general knowledge subject, or as decided by the Principals, to junior classes from 6th onwards.
6) That the requisite allocation of subjects or topics in the time-table or adjustment as deemed necessary shall be the sole responsibility of the Principal.
7) That all the Lecturers shall be obliged to take-up the responsibility in the interest of students as mentioned hereinabove.
8) That the teaching of SUPW and Work Experience shall not be included for calculating a minimum of 30 periods per week.

TGT and 9th and 10th class

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