Haryana School result analysis 2016


परीक्षा परिणाम सुधारने का दिया भरोसा
पंचकूला : हरियाणा के सरकारी स्कूलों में परिणाम खराब आने के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक एमएल कौशिक और सहायक निर्देशक एएस मान ने विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में पीजीटी, टीजीटी यूनियनों के अलावा प्रिंसिपलों के नेता शामिल हुए। रिजल्ट खराब आने पर गहन चर्चा के बाद सभी ने आश्वासन दिया कि रिजल्ट बेहतर करेंगे। 

सरकारी स्कूलों का परिणाम सुधारने के लिए आयोजित इस बैठक में प्रिंसिपल यूनियन के प्रतिनिधियों ने अपनी ओर से सुझाव देने के साथ ही माहौल को सकारात्मक रखने, सुबह और शाम को स्थानीय शिक्षकों द्वारा अतिरिक्त क्लास लगाने में सहयोग करने का वादा किया गया। इस दौरान फैसला लिया गया कि 7 और 8 को फील्ड में बैठक की जाएंगी। 7 को जींद में हिसार और रोहतक मंडलों की मीटिंग की जाएगी। इस दौरान सभी डीईओ, डिप्टी डीईओ, ब्लाक स्तर के अधिकारियों को भी बुलाया जाएगा।
इसके साथ ही इसे ऊपर लाने के लिए संयुक्त प्रयास करने की कोशिश करने का संकल्प लिया गया। इसके साथ 8 को गुड़गांव में मीटिंग की जाएगी। विचार मंथन के दौरान डाइट प्रिंसिपलों, डाइट, डिप्टी डीईओ आदि को भी बुलाने का फैसला किया गया है। जिसके लिए डायरेक्टर और उनकी टीम के अफसर मीटिंग कर विचार मंथन करेंगे।
इस दौरान प्रिंसिपल यूनियन की ओर से अनिल दलाल और शिक्षक नेताओं में कुलबीर सिंह, मास्टर वर्ग से दयानंद आदि ने विचार रखे साथ ही स्कूलों में शिक्षकों, प्रिंसिपलों के सामने चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आश्वस्त किया कि रिजल्ट को सुधारने के लिए की जा रही कवायद में वे हर तरह से साथ हैं, बशर्ते कि शिक्षकों को इस तरह के कदम उत्पीड़न महसूस नहीं हो।

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सुविधाओं की कमी के चलते गिरा परीक्षा परिणाम (29.12.2015)
हाल ही में 10वीं और 12वीं का जो खराब परीक्षा परिणाम आया है, उसके लिए सुविधाओं का अभाव और शिक्षा नीति न होना ही मुख्य कारण है।
दोनों को कैसे सुधारा जाता है, इसके लिए हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने बैठक का आयोजन कर मंथन किया और शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए 17 सुझाव तैयार कर सरकार को भेजे हैं।
सरकार को भेजे गए सुझावों के बारे में हसला के जिला प्रधान भगवान दत्त ने बताया कि कक्षा 1 से लेकर सभी कक्षाओं में यदि छात्र निर्धारित पाठ्यक्रम की योग्यता नहीं रखता है तो उसे अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता है जो गलत है और कक्षा 5वीं व 8वीं की परीक्षाएं पहले बोर्ड द्वारा होती थी तो पढ़ाई को कुछ गंभीरता से लिया जाता था। अब बंद कर दिया गया है जिसको पुन: शुरू करना चाहिए। कक्षा 1 से 8 व 9 से 12 द्वि-स्तरीय शिक्षा व्यवस्था को पुन: लागू करना चाहिए।
इसी प्रकार गैर मान्यता प्राप्त व नियमों का पालन न करने वाले प्राइवेट स्कूल सरकारी स्कूलों के प्रतिभावान छात्रों को ले जाते हैं, जिनको अगले सत्र से बंद कर देना चाहिए। शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य लिया जाता है जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है। सेमेस्टर प्रणाली के कारण भी पढ़ाई ढंग से नहीं हो पाती।
मास्टर्स के लिए 30 पीरियड व लेक्चरर के 24 पीरियड का वर्कलोड होना चाहिए। स्कूलों में रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों को तुरंत प्रभाव से स्थायी नियुक्ति के द्वारा भरा जाना चाहिए ताकि सभी विषयों का अध्यापन हो सके।
मिड-डे-मील के कार्यभार से शिक्षकों को मुक्त किया जाए। पाठ्यक्रम निर्धारण व शिक्षा नीति निर्धारण में शिक्षकों की भूमिका सुनिश्चित होनी चाहिए। शिक्षक चयन प्रक्रिया को मेरिट के आधार पर बनाया जाए। शिक्षकों के ज्ञान व तकनीक को समृद्ध करने के लिए सेमीनार आयोजित किए जाने चाहिए।
गर्मियों में हर स्कूल में जेनरेटर की व्यवस्था हो ताकि पढ़ाई के अनुकूल माहौल बन सके। आधुनिक उपकरणों से लैस साइंस लैब व कंप्यूटर लैब तथा उच्च प्रशिक्षित (ट्रेंड) स्थाई कंप्यूटर अध्यापक अति आवश्यक हैं।

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25.12.2015-सांघी स्कूल का परीक्षा परिणाम बना उदाहरण
जागरण संवाददाता, रोहतक :एक तरफ सरकारी स्कूलों का दसवीं कक्षा का परिणाम ¨चताजनक रहा, वहीं जिला के गांव सांघी के सरकारी स्कूल ने सौ फीसद परिणाम देकर शिक्षा विभाग के सामने उदाहरण प्रस्तुत कर दिया है। इतना ही नहीं स्कूल में दसवीं कक्षा में जहां 36 मेरिट दर्ज हुई, वहीं बारहवीं कक्षा में 54 छात्रों ने मेरिट हासिल की है। इसके साथ ही यह स्कूल जिले में सौ फीसद परीक्षा परिणाम देने वाला एकमात्र स्कूल बन गया है।
गांव सांघी स्थित राजकीय माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल का परीक्षा परिणाम अव्वल रहने के कई कारण बताए जा रहे है। जिसमें शिक्षकों द्वारा बच्चों को गंभीरता के साथ पढ़ाना और बच्चों की भी मेहनत शामिल है। स्कूल में कोई भी पीरियड खाली न छोड़ना और हर समय बच्चों को नई-नई जानकारियों से अवगत करवाने की गतिविधियों के कारण ही पिछले कई सालों से स्कूल नंबर वन पर रहा है। स्कूल में बच्चों को मिल रही बेहतर शिक्षा के मद्देनजर आसपास के 31 गांवों के बच्चे स्कूल में पढ़ने के लिए आते है। स्कूल आने-जाने में भी बच्चों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती। शिक्षकों द्वारा बेहतर शिक्षा देने व हर वर्ष सौ फीसद परीक्षा परिणाम देने के कारण स्कूल आज प्राइवेट व सीबीएससी स्कूलों को कड़ी टक्कर दे रहा है।
शुरू से ही लगती हैं अतिरिक्त कक्षा
गांव सांघी स्थित राजकीय स्कूल में बच्चों की पढ़ाई को लेकर शिक्षक शुरू से गंभीर नजर आते हैं। कक्षाएं शुरू होते ही बच्चों की अतिरिक्त कक्षा लेकर उन्हें पढ़ाया जाता है ताकि परीक्षा होने तक दो-तीन बार अच्छी प्रकार से पूरे पाठ्यक्रम को रिवाइज किया जा सके। शिक्षकों की यही मेहनत व बच्चों की लग्न स्कूल के सौ फीसद परीक्षा परिणाम का कारण है।
अत्याधुनिक लेबोरेटरी व लाइब्रेरी
स्कूल में बच्चों के लिए अत्याधुनिक लेबोरेटरी बनाई गई है। चाहे वह कंप्यूटर की लैब हो या साइंस की लैब। इसके साथ ही बच्चों के लिए पढ़ाई करने के लिए अति आधुनिक लाइब्रेरी भी बनाई गई है जिसमें पहली से लेकर 12वीं कक्षा तक सभी किताबें मौजूद है। इसके साथ ही सामान्य ज्ञान व धार्मिक किताबें भी लाइब्रेरी में है ताकि बच्चे उन्हें पढ़कर संस्कारवान बने।
शिक्षकों के बीच अच्छा तालमेल
राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल के शिक्षकों के बीच अन्य स्कूलों की अपेक्षा तालमेल अच्छा है। टीजीटी और पीजीटी के बीच जहां अन्य स्कूलों में खींचतान चल रही है वहीं सांघी स्कूल में शिक्षकों के बीच अच्छा तालमेल है। सभी शिक्षक आपस में मिलजुल कर बच्चों को पढ़ाते हैं, जिसका परिणाम दसवीं-बारहवीं के रिजल्ट से देखा जा सकता है।
31 गांवों से आते हैं बच्चे
गांव सांघी के स्कूल की पढ़ाई को देखते हुए ही आसपास के 31 गांवों के बच्चे स्कूल में पढ़ने के लिए आते हैं। उनके आने-जाने की व्यवस्था बच्चों के अभिभावकों द्वारा ही की गई है। अभिभावकों ने कमेटी बनाकर बच्चों के आने-जाने के लिए गाड़ी लगा रखी है जिसके कारण बच्चों को स्कूल आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होती। इसके साथ ही गांव व साथ लगते गांवों के बच्चे साइकिल से भी स्कूल आते हैं।
छह बार रहा है हरियाणा टॉपर
डॉ. सरूप ¨सह राजकीय माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल पूरे प्रदेश में छह बार टॉप पर रहा है। इसके साथ ही लीगल लिटरेसी में हरियाणा टॉपर, समूह गान प्रतियोगिता में टॉप, चार सौ मीटर दौड़ में भी हरियाणा में नवंबर वन रहा है। परीक्षा परिणाम बेहतर देने के कारण ही स्कूल का नाम प्राइवेट स्कूलों से पहले लिया जाता है।
सुविधाओं का नहीं कोई टोटा
संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सुविधाओं का अभाव नहीं है। बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त मात्रा में डेस्क बैंच की व्यवस्था है तो पीने के लिए साफ पानी है। साफ-सफाई का भी स्कूल में पूरा ध्यान रखा जाता है। बच्चों की सुविधा के लिए हर प्रकार की सहूलियत स्कूल में की गई है। इसी का परिणाम है स्कूल का सौ फीसद रिजल्ट।
शिक्षक लगाते हैं बायोमीट्रिक मशीन में हाजरी
स्कूल के अंदर शिक्षक भी बंक नहीं मार सकते, क्योंकि स्कूल में बायोमीट्रिक मशीन लगाई गई है। सुबह सभी शिक्षक उसमें हाजरी लगाते हैं और जाते समय भी हाजरी लगाते हैं। इसके साथ ही स्कूल में तीन जनरेटर की व्यवस्था भी की गई है जिसमें दो जनरेटर सरकारी है और एक जनरेटर स्कूल का अपना है। ऐसे में बच्चों को बिजली की परेशानी से भी नहीं जूझना पड़ता।
कक्षा मेरिट
10वीं 36
12वीं 54
स्कूल का परीक्षा परिणाम सौ फीसद रहा है और जिसके लिए सभी बच्चे व शिक्षक बधाई के पात्र है। शिक्षकों के आपसी तालमेल व बच्चों की लग्न के कारण ही यह संभव हो पाया है। आगे आने वाली फाइनल परीक्षा में भी स्कूल का परिणाम सौ फीसद रहेगा और इसके लिए शिक्षक व बच्चे पूरी मेहनत कर रहें है।
-जयपाल दहिया, प्राचार्य, डॉ. सरूप ¨सह राजकीय माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल
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25.12.2015 परिणाम पर होगा मंथन, शिक्षा विभाग ने पंचकुला में बुलाई बैठक
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हरियाणा में दसवीं के खराब परीक्षा परिणाम को लेकर शिक्षा विभाग के डायरेक्टर ने 29 दिसंबर को पंचकुला में एक बैठक बुलाई है। बैठक के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को एक पत्र भेजा गया है। पत्र में 29 दिसंबर की शाम तीन बजे होने वाली बैठक के लिए
हसला के पाच सदस्यीय, प्रिंसिपल एसोसिएशन के पाच सदस्यीय, हेड मास्टर एसोसिएशन के पाच सदस्यीय, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ( सर्व कर्मचारी संघ टीजीटी ) से तीन व सर्व कर्मचारी महासंघ से तीन सदस्यीय मंडल को बुलाया गया है। उक्त सभी से खराब परीक्षा परिणाम को लेकर सुझाव मागे गए है। साथ ही बैठक में अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी। जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार का कहना है कि सभी को अवगत करवाया दिया गया है। वहीं प्रिंसिपल एसोसिएशन के जिला प्रधान जगदेव फौगाट का कहना है कि बैठक में आठवीं का बोर्ड दोबारा चालू करने का सुझाव दिया जाएगा। साथ ही विभिन्न जगह शिक्षकों की ड्यूटी न लगाने जाने का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कभी चुनाव तो कभी मासिक मूल्याकंन परीक्षा, मिड डे मिल चेकअप, मार्किग डयूटी लगाई जा रही है। इस कारण स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं रहते है और परिणाम पर इसका असर पड़ता है।
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22.12.2015-लापरवाह अध्यापक व प्राध्यापकों पर होगी कार्रवाई
शेर सिंह डागर, मेवात :हाल ही में आए दसवीं व बारहवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम ने एक बार फिर मेवात में शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। प्रदेश में सबसे पीछे रहे मेवात के लापरवाह अध्यापकों व प्राध्यापकों पर अब विभाग कार्रवाई का मन बना रहा है। इस कार्रवाई में जहां अध्यापक व प्राध्यापक पूरे हैं और परीक्षा परिणाम खराब आया है वहां अध्यापकों को चार्जशीट करने की तैयारी है। जल्द ही जिला शिक्षा अधिकारी व अध्यापकों की बैठक भी बुलाई जा रहीहै।
बता दें कि कई दिन पहले दसवीं व बारहवीं कक्षा के प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम आया है, जिसमें मेवात दोनों कक्षाओं में पूरे प्रदेश में सबसे पीछे रहा है। यहां दसवीं का रिजल्ट 19.95 प्रतिशत रहा है तो बारहवीं का 26.99 प्रतिशत रहा है। इसके पीछे स्कूलों में तैनात अध्यापकों व प्राध्यापकों का पढ़ाई पर पूरी तरह ध्यान न दिया जाना बताया जा रहा है तो कई स्कूलों में स्टाफ की कमी भी आड़े आई है। लेकिन शर्म की बात यह है कि यहां ऐसे भी दर्जनों स्कूल हैं जहां स्टाफ की स्थिति संतोषजनक है,बावजूद उसके रिजल्ट बहुत खराब आया है। अब ऐसे अध्यापक व प्राध्यापकों पर लगाम लगाने के लिए जल्द ही जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. दिनेश शास्त्री अध्यापकों की बैठक बुला रहे हैं। जिन स्कूलों में अध्यापकों की स्थिति संतोषजनक थी या जिस विषय का अध्यापक स्कूल में मौजूद था, उसका रिजल्ट खराब आया है, उन्हें जिम्मेदारी से बांधते हुए चार्जशीट किया जाएगा।
यह भी एक कारण :
मेवात जिले में मास्टरों के 1016 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से 320 नियमित तो 203 गेस्ट अध्यापक कार्यरत है। लिहाजा जिले में 493 अध्यापकों के पद रिक्त हैं। सीएंडवी अध्यापकों की 719 पोस्ट हैं। इनमें 340 नियमित, 113 गेस्ट कार्यरत हैं तो 266 खाली हैं। इसी प्रकार इएचएम की यहां 341 पद हैं जिनमें से 225 खाली हैं। इससे भी बुरा हाल प्राध्यापकों का है। यहां प्राध्यापकों के 688 पद हैं, जिनमें से 329 पद रिक्त हैं। इसी प्रकार 40 प्रधानाचार्य में से 31 खाली तो 40 मुख्याध्यापकों में से 27 पद रिक्त पड़े हैं। जिसे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
जिम्मेदारी से भाग रहे अध्यापक :
विभागीय सूत्रों का कहना है कि अध्यापक अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। जहां अध्यापक है वो भी पढ़ाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि कुछ अध्यापक तो ऐसे हैं
जिन्हें बारहवीं का पहाड़ा, गुणा-भाग तक नहीं आती।
होगी कार्रवाई :
निश्चित तौर पर मेवात का रिजल्ट शर्मनाक रहा है। जिले का मुखिया होने के नाते मैं जिम्मेदारी लेता हूं कि हमसे चूक रही है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अध्यापकों की बैठक बुलाई जा रही है। जहां अध्यापकों की स्थिति संतोषजनक थी और संबंधित विषयों के अध्यापक व प्राध्यापक थे फिर भी रिजल्ट नहीं आया। ऐसे लापरवाह लोगों को चार्जशीट किया जाएगा।
डॉ. दिनेश शास्त्री, डीइओ मेवात।

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22.12.2015- प्रदेश के 200 स्कूलों का परीक्षा परिणाम सिफर

644 ने किया शानदार प्रदर्शन
बलवान शर्मा, भिवानी:
प्रदेश के करीब 200 स्कूलों के दसवीं एवं बारहवीं कक्षा के बच्चों का प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाओं में परिणाम सिफर रहा है। हालांकि राहत की बात यह है कि प्रदेश के करीब साढ़े 6 सौ स्कूलों ने शानदार प्रदर्शन भी किया है।
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जीरो प्रतिशत पास होने वाले दसवीं कक्षा के स्कूलों स्थिति
अंबाला- 9
भिवानी- 19
फरीदाबाद- 16
फतेहाबाद- 01
हिसार- 08
झज्जर - 11
जींद - 06
कैथल - 05
करनाल - 9
कुरूक्षेत्र -2
महेन्द्रगढ़ -7
पलवल -10
पंचकुला -2
पानीपत -4
रेवाड़ी -3
रोहतक- 08
सिरसा- -9
सोनीपत -7
यमुनानगर -23
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बारहवीं कक्षा के जीरो प्रतिशत वाले स्कूल
भिवानी - 01
फरीदाबाद -01
फतेहाबाद- -01
हिसार - 01
झज्जर - 03
जींद - 01
कैथल - 01
करनाल -03
मेवात- 01
महेन्द्रगढ़ - 01
पलवल- 03
रेवाड़ी - 03
सिरसा - 01
यमुनानगर -04
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15 प्रतिशत अंक वाले दसवीं कक्षा के स्कूलों की स्थिति
अंबाला- 30
भिवानी- 45
फरीदाबाद- 29
फतेहाबाद- 30
गुड़गांव - 15
हिसार- 41
झज्जर - 11
जींद - 27
कैथल -25
करनाल -42
कुरूक्षेत्र 24
महेन्द्रगढ़ -10
मेवात- 17
पलवल -23
पंचकुला -10
पानीपत -13
रेवाड़ी -11
रोहतक- 30
सिरसा- -25
सोनीपत -23
यमुनानगर -33
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प्रदेश के दसवीं एवं बारहवीं कक्षा के 644 स्कूलों का परिणाम शानदार रहा है। इन स्कूलों का परिणाम 80 से 100 फीसद तक रहा है।
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दसवीं कक्षा के स्कूल
जिला स्कूल संख्या
अंबाला- 2
भिवानी- 39
फरीदाबाद- 03
फतेहाबाद- 08
गुड़गांव - 12
हिसार- 17
झज्जर - 26
जींद - 10
कैथल - 4
करनाल -6
कुरूक्षेत्र -5
मेवात- --
महेन्द्रगढ़ -38
पलवल -09
पंचकुला -1
पानीपत - 11
रेवाड़ी -22
रोहतक- 08
सिरसा- -3
सोनीपत -41
यमुनानगर -06
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बारहवीं कक्षा के स्कूल
जिला स्कूल संख्या
अंबाला- 13
भिवानी- 48
फरीदाबाद- 01
फतेहाबाद- 20
गुड़गांव - 13
हिसार- 22
झज्जर - 39
जींद - 22
कैथल - 24
करनाल 31
कुरूक्षेत्र -12
मेवात- --
महेन्द्रगढ़ -34
पलवल -03
पंचकुला - 2
पानीपत - 20
रेवाड़ी -17
रोहतक- 27
सिरसा- -24
सोनीपत -66
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