Showing posts with label rte. Show all posts
Showing posts with label rte. Show all posts

आज से शिक्षा हर बच्चे का मूल अधिकार- Navbharat Times

आज से शिक्षा हर बच्चे का मूल अधिकार- Navbharat Times:

'via Blog this'
नई दिल्ली।। सुप्रीम कोर्ट ने राइट टु एजुकेशन कानून, 2009 शिक्षा का अधिकार को संवैधानिक रूप से वैधमाना है। इससे देशभर के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों मेंगरीबों को 25% निशुल्क सीटें समान रूप से मिल सकेंगी।चीफ जस्टिस एस एच कपाड़िया जस्टिस के एस .राधाकृष्णन और जस्टिस स्वतंत्र कुमार की बेंच ने बहुमत से दिए फैसले में कहा कि कानून सरकारी और गैर-सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में समान रूप से लागू होगा। सरकारी सहायता नहीं लेने वाले प्राइवेट अल्पसंख्यक स्कूल ही इसकेदायरे से बाहर होंगे। 

जस्टिस राधाकृष्णन ने इससे असहमति जताते हुए रायजाहिर की कि यह कानून उन गैर सहायता प्राप्त प्राइवेटस्कूलों और अल्पसंख्यक संस्थानों पर लागू नहीं होगा जोसरकार से कोई सहायता नहीं लेते। चीफ जस्टिस कपाड़ियाऔर जस्टिस स्वतंत्र कुमार का फैसला जस्टिस राधाकृष्णन से अलग था। उन्होंने कहा कि कानून गैर सहायताप्राप्त प्राइवेट स्कूलों पर भी लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उसका फैसला आज से प्रभावी होगा। यानी पहले हुए दाखिलों पर यह लागू नहीं होगा। 

ब्लॉग हम अब भी बन रहे हैं एप्रिल फूल 

सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने पिछले साल अगस्त को प्राइनेट स्कूलों द्वारा दाखिल याचिकाओं पर अपनाफैसला सुरक्षित रखा था। इन याचिकाओं में कहा गया था कि शिक्षा का अधिकार कानून निजी शैक्षणिक संस्थानोंको अनुच्छेद 19 (1) जी के अंतर्गत दिए गए अधिकारों का उल्लंघन करता है जिसमें निजी प्रबंधकों को सरकार केदखल के बिना अपने संस्थान चलाने की स्वायतत्ता प्रदान की गई है। मामले में लंबे समय तक चली जिरह केदौरान केंद्र ने कानून के पक्ष में दलीलें देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों केजीवन स्तर में सुधार लाना है। केंद्र ने जोर देकर कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों में योग्यता और प्रतिभा कोसामाजिक और आर्थिक विभिन्नता से अलग रखा जाना चाहिए। 

यह कानून संविधान में अनुच्छेद 21 ( ए के प्रावधान के जरिए तैयार किया गया था जो कहता है कि सरकारछह से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करे। याचिकाओं में दलील दी गई थीकि शिक्षा का अधिकार कानून असंवैधानिक है और बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन करता है। याचिकाकर्ताओं केअनुसार कानून की धारा -3 गैर सहायता प्राप्त निजी और अल्पसंख्यक संस्थानों पर एक अनिवार्य बाध्यता लगातीहै कि वह दाखिला लेने के लिए आने वाले आसपास के हर बच्चे को बिना किसी चयन प्रक्रिया के दाखिला दे। 

See Also

Education News Haryana topic wise detail.